Protests erupt outside Kasba Police station as 3 arrested in alleged Kolkata college gang rape
खंडपीठ ने कहा है कि राज्य चुनाव आयोग विस्तार से बताए कि कोर्ट के आदेश के अनुपालन में जानबूझकर देरी की गई या कोई और वजह थी। इसका विस्तृत कारण बताया जाए
कोलकाता। पंचायत चुनाव में केंद्रीय बलों की तैनाती संबंधी कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद इसके अनुपालन में हुई देरी को लेकर राज्य चुनाव आयोग से रिपोर्ट तलब की गई है। मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायमूर्ति उदय गुप्ता की खंडपीठ ने शुक्रवार को यह रिपोर्ट तलब की है। इस मामले में 27 जून तक राज्य चुनाव आयोग को रिपोर्ट देने को कहा गया है। 28 जून को मामले की अगली सुनवाई होनी है।
दरअसल, 15 जून को कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य भर में केंद्रीय बलों की तैनाती का निर्देश दिया था और 48 घंटे के अंदर इसका अनुपालन करने को कहा था लेकिन चुनाव आयोग ने ऐसा नहीं किया। आयोग की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर कहा गया कि केंद्रीय बलों की तैनाती का काम राज्य चुनाव आयोग का नहीं है लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट का फैसला बिल्कुल सटीक है उसका तत्काल अनुपालन होना चाहिए।
इसके बावजूद राज्य चुनाव आयोग ने केवल 22 कंपनी केंद्रीय बलों की मांग केंद्र से की, जिसमें केवल 2000 जवान होते हैं। इसे लेकर गुरुवार को एक बार फिर कोर्ट ने चुनाव आयोग की निंदा की और कहा कि कम से कम 82 हजार जवानों की तैनाती होनी चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अबू हसन खान चौधरी ने इस संबंध में हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना का मामला दाखिल किया है, जिसे लेकर शुक्रवार को कोर्ट ने चुनाव आयोग से रिपोर्ट मांगी है। खंडपीठ ने कहा है कि राज्य चुनाव आयोग विस्तार से बताए कि कोर्ट के आदेश के अनुपालन में जानबूझकर देरी की गई या कोई और वजह थी। इसका विस्तृत कारण बताया जाए।